देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश में यूं तो बहुत सारे प्राचीन और चमत्कारी मंदिर है। आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में पढ़ेंगे जहां पर पांडव पुत्र भीम का ढोल, 200 ग्राम गेहूं का दाना साथ ही मंदिर में जलता हुआ धुना जो की निरंतर 5000 हजार सालों से जलता आ रहा है।
जानिए क्या है इस Post में
Mamleshwar Mahadev Temple : एक ऐसा मंदिर जहां पर 5000 साल पुराना भीम का ढोल और 200 ग्राम गेहूं का दाना, पूरा पढ़ें
Mamleshwar Mahadev Temple : यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के मण्डी जिले से लगभग 120 किलोमिटर दूर करसोग घाटी के ममेल गांव में स्थित है (शिमला से 100 किलोमिटर की दूरी पर स्थित है)। यह दिलचस्प वास्तुकला वाला एक पुराना मंदिर है।
यह करसोग घाटी और शहर का सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर है। हालांकि शहर घनी आबादी वाला है, प्राचीन मंदिर कम आबादी वाले उपनगरीय क्षेत्र में स्थित है। पत्थर और लकड़ी से निर्मित मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर स्थित है और इसमें चौकोर स्लेट से बनी मेहराबदार छत है। मान्यता है की यहां पर 5000 साल पहले पांडवो ने अपना समय व्यतीत किया था।
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महाभारत काल से जल रहा है आग का धुना (अग्निकुंड)
इस मंदिर में एक धुना है जिसके बारे में मान्यता है की ये महाभारत काल से निरंतर जल रहा है। इस अखंड धुनें के पीछे एक कहानी है की जब पांडव अज्ञातवास में घूम रहे थे तो वे कुछ समय के लिए इस गाँव में रूके । तब इस गांव में एक राक्षस ने एक गुफा में डेरा जमाया हुआ था ।

उस राक्षस के प्रकोप से बचने के लिये लोगो ने उस राक्षस के साथ एक समझौता किया हुआ था कि वो रोज एक आदमी को खुद उसके पास भेजेंगें उसके भोजन के लिये जिससे कि वो सारे गांव को एक साथ ना मारे । एक दिन उस घर के लडके का नम्बर आया जिसमें पांडव रूके हुए थे । उस लडके की मां को रोता देख पांडवो ने कारण पूछा तो उसने बताया कि आज मुझे अपने बेटे को राक्षस के पास भेजना है ।
अतिथि के तौर पर अपना धर्म निभाने के लिये पांडवो में से भीम उस लडके की बजाय खुद उस राक्षस के पास गया । भीम जब उस राक्षस के पास गया तो उन दोनो में भयंकर युद्ध हुआ और भीम ने उस राक्षस को मारकर गांव को उससे मुक्ति दिलाई कहते है की भीम की इस विजय की याद में ही यह अखंड धुना चल रहा है।
5000 साल पुराना 200 ग्राम गेहूं का दाना

ममलेश्वर महादेव मंदिर में 5000 साल पुराना गेहूं का दाना है जिसका वजन 200 ग्राम है मान्यता है कि इसे पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान खाने के लिए उगाया था।
ममलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए 5 शिवलिंग का एक साथ मौजूद होना भी इस मंदिर को खास बनाता है।

बहुत साल पहले मंदिर के पास कई शिवलिंग, शिव और विष्णु भगवान की मूर्तियां मिली थी।
मंदिर में रखा है 5000 साल पुराना भीम का ढोल

इस मंदिर में एक बड़ा ढोल भी रखा गया है लोगों का कहना है कि अज्ञातवास के दौरान भीम ने इसे बनवाया था।
भीम खाली समय के दौरान इस ढोल को बजाया करते थे और वहां से जाते समय उन्होंने इस ढोल को मंदिर में रख दिया था।
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1. ममलेश्वर महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर:- करसोग, हिमाचल प्रदेश
2. करसोग घाटी के आस-पास और कौन-कौन से प्रमूख मंदिर हैं?
उत्तर:- कामक्षा देवी मंदिर, कमरूनाग, ममलेश्वर महादेव मंदिर, माँहुनाग, देव बड़ेयोगी, मगरू महादेव मंदिर प्रमुख हैं।
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