त्रिगर्त का शाब्दिक अर्थ तीन नदियों रावी, व्यास और सतलुज के बीच फैले भू-भाग से है। बाणगंगा, कुराली और न्यूगल के संगम स्थल को भी त्रिगर्त कहा जाता है।
त्रिगर्त रियासत की राजधानी नगरकोट (वर्तमान काँगड़ा शहर) थी जिसे भीमकोट, भीम नगर और सुशर्मापुर के नाम से भी जाना जाता था। इस शहर की स्थापना सुशर्मा ने की थी।
गुलेर रियासत का पुराना नाम ग्वालियर था। काँगड़ा के राजा हरिचंद ने 1405 ई. में गुलेर रियासत की स्थापना हरिपुर में की जहाँ उसने शहर व किला बनवाया। हरिपुर किले को गुलेर किला भी कहा जाता है। हरिपुर गुलेर रियासत की राजधानी थी।
नूरपुर का प्राचीन नाम धमेरी था। नूरपुर राज्य की पुरानी राजधानी पठानकोट (पैठान) थी। अकबर के समय में नूरपुर के राजा बासदेव ने राजधानी पठानकोट से नूरपुर बदली। प्राचीन काल में नूरपुर और पठानकोट औदुंबर क्षेत्र के नाम से जाना जाता था।