हिमाचल प्रदेश बना पूर्ण साक्षर राज्य, शिक्षा में नई उपलब्धि
हिमाचल प्रदेश बना पूर्ण साक्षर राज्य: हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश अब पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है। यह उपलब्धि राज्य के लिए न केवल गर्व का विषय है, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक उदाहरण भी है।
साक्षरता दर और उपलब्धियाँ
- हिमाचल की साक्षरता दर 99.30% तक पहुँच गई है, जो राष्ट्रीय औसत 80.9% से कहीं अधिक है।
- केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार, जिस राज्य की साक्षरता दर 95% या उससे अधिक होती है, उसे पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया जाता है।
- हिमाचल प्रदेश ने मिजोरम (98.2%), त्रिपुरा (95.6%) और लक्षद्वीप (97.3%) जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पीछे छोड़ दिया है।
ऐतिहासिक प्रगति
- 1971 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद से हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किए।
- आज़ादी के समय जहां प्रदेश की साक्षरता दर मात्र 7% थी, वहीं 78 साल बाद यह दर 99% के पार पहुँच गई।
- विभिन्न अभियानों जैसे पढ़ना-लिखना अभियान, उल्लास योजना, और साक्षर भारत योजना ने इस उपलब्धि में अहम योगदान दिया।
सरकार की पहल और भविष्य की योजनाएँ
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार का अगला फोकस गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर होगा। इसके लिए:
- डे-बोर्डिंग स्कूल की शुरुआत,
- पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई,
- और नई साक्षरता योजनाएँ लागू की जा रही हैं।
साथ ही, प्रदेश के शेष 56,960 निरक्षरों को भी साक्षर बनाने की योजना का एलान किया गया है।
शिक्षा नेताओं के विचार
- मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनकी माता 5वीं और पिता 7वीं कक्षा तक शिक्षित थे, लेकिन उन्होंने शिक्षा को प्राथमिकता दी और इसी कारण वे आज मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुँचे।
- शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इसे प्रदेश के हर नागरिक और शिक्षक की मेहनत का नतीजा बताया और कहा कि हिमाचल साक्षरता दर में देश में सबसे ऊपर है।
शिक्षा का सामाजिक प्रभाव
इस उपलब्धि से साफ है कि हिमाचल की बेटियों और शिक्षकों की मेहनत ने प्रदेश को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। साक्षरता न केवल शिक्षा का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक-आर्थिक विकास, महिलाओं की सशक्तिकरण और नई पीढ़ी को बेहतर भविष्य देने का आधार भी है।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश का पूर्ण साक्षर राज्य बनना शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। यह उपलब्धि दिखाती है कि लगातार प्रयास, सरकारी योजनाएँ और जनता की भागीदारी से कोई भी राज्य शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष स्थान पा सकता है। अब सरकार का ध्यान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शेष निरक्षरों को साक्षर बनाने पर है, जिससे हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में देश का मार्गदर्शक बन सके।
FAQ’s (Rajiv Gandhi Van Samvardhan Yojana)
हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य कब घोषित किया गया?
हिमाचल प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस (8 सितंबर 2025) पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया।
हिमाचल प्रदेश की वर्तमान साक्षरता दर क्या है?
हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर 99.30% है, जो राष्ट्रीय औसत 80.9% से कहीं अधिक है।
पूर्ण साक्षर राज्य किसे कहा जाता है?
भारत सरकार के मानकों के अनुसार, जिस राज्य की साक्षरता दर 95% या उससे अधिक होती है, उसे पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया जाता है।
हिमाचल प्रदेश में कितने लोग अभी भी निरक्षर हैं?
हिमाचल प्रदेश में अभी भी लगभग 56,960 निरक्षर व्यक्ति हैं, जिन्हें साक्षर बनाने के लिए नई योजनाएँ शुरू की जा रही हैं।
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