Banode Mahadev Mandir Una : बनोडे महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की शिवालिक पहाड़ियों में स्थित जताड़ा गांव में बना हुआ है। यह मंदिर ऊना का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है। मंदिर के चारों ओर का वातावरण बहुत शांत और प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है।
बनोडे महादेव मंदिर का निर्माण
कहा जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के समय हिमालय और शिवालिक की पहाड़ियों में समय बिताया था। उस दौरान उन्होंने भगवान शिव और मां दुर्गा की पूजा की और कई जगह मंदिर बनाए। माना जाता है कि इन्हीं मंदिरों में से एक बनोडे महादेव मंदिर भी है। यह मंदिर पहाड़ी के बीच घने जंगलों में स्थित है और आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है।
अर्धनारीश्वर शिवलिंग का इतिहास
बहुत समय पहले जताड़ा गांव के पास एक राक्षस रहता था। उसे भगवान ब्रह्मा से वरदान मिला था कि उसे न तो कोई स्त्री मार सकती है और न ही कोई पुरुष। इस वरदान के अहंकार में वह राक्षस लोगों और देवताओं को परेशान करने लगा।
लोगों की प्रार्थना पर भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर रूप (आधा शिव और आधा पार्वती) धारण किया और उस राक्षस का अंत कर दिया। इसके बाद भगवान शिव इसी रूप में शिवलिंग/पिंडी के रूप में यहाँ विराजमान हो गए।
मंदिर की सुंदरता
मंदिर की बनावट और शिल्प कला बहुत आकर्षक है। यहाँ आने वाली विवाहित महिलाएँ मानती हैं कि अगर वे श्रद्धा से पूजा करती हैं तो उनका सुहाग हमेशा बना रहता है।

मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़
हर दिन यहाँ भक्त आते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि और श्रावण मास में विशेष भीड़ रहती है। श्रावण के सोमवार को तो यहाँ बहुत लंबी कतारें लगती हैं।
मंदिर तक कैसे पहुँचे?
यह मंदिर ऊना से लगभग 11 किलोमीटर दूर है। ऊना–नंगल मार्ग से होते हुए जताड़ा गांव तक पहुँचा जा सकता है। जताड़ा गांव से मंदिर की दूरी करीब 4 किलोमीटर है।
निष्कर्ष
बनोडे महादेव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यहाँ की कहानी और अर्धनारीश्वर शिवलिंग इसे और भी खास बनाते हैं। यह स्थान ऊना जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है।
Banode Mahadev Mandir Una Overview
विषय (Topic) | विवरण (Details) |
---|---|
स्थान | जताड़ा गांव, ऊना जिला, हिमाचल प्रदेश (शिवालिक पहाड़ियाँ) |
महत्व | ऊना का प्रसिद्ध धार्मिक और पौराणिक मंदिर |
निर्माण की मान्यता | माना जाता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के समय इसका निर्माण किया |
अर्धनारीश्वर शिवलिंग | भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर रूप धारण कर राक्षस का वध किया और यहाँ शिवलिंग के रूप में विराजमान हुए |
विशेष मान्यता | विवाहित महिलाएँ यहाँ पूजा करती हैं तो उनका सुहाग अटल माना जाता है |
श्रद्धालुओं की भीड़ | रोजाना भक्त आते हैं, परंतु श्रावण मास और महाशिवरात्रि में विशेष भीड़ होती है |
कैसे पहुँचे | ऊना से लगभग 11 किमी दूरी, ऊना–नंगल मार्ग से जताड़ा गांव होकर पहुँचा जा सकता है |
More Pages
HP GK Notes | Click Here |
HP Giriraj Current Affairs | Click Here |
Daily Himachal GK Topic Wise PDF | Click Here |
HP District Wise GK One Liner QnA | Click Here |
HP Govt Jobs | Click Here |
Join Whatsapp Channel | Click Here |
Download HIM IQ Quiz App | Download Now |