हिमाचल प्रदेश के गलेशियर (Glaciers of Himachal Pradesh)
हि.प्र. में ग्लेशियर को स्थानीय भाषा में ‘शिगड़ी’ कहते हैं। ग्लेशियर को हिमनद के नाम से भी जाना जाता है। ग्लेशियर नदियों को पानी देते हैं व नदियों के उद्गम का प्रमुख स्रोत हैं।
Read More : हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध घाटियां
Glaciers of Himachal Pradesh
यह हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा ग्लेशियर है, जो लाहौल स्पीति में स्थित है। इस ग्लेशियर की लंबाई 25 किमी. है और इस ग्लेशियर से चन्द्रा नदी को पानी मिलता है। इस ग्लेशियर से चन्द्रताल झील बनी है।
पार्वती ग्लेशियर
पार्वती ग्लेशियर से पार्वती नदी को पानी मिलता है। यह ग्लेशियर कुल्लू जिले में स्थित है। इस ग्लेशियर की लंबाई 15 किमी. है।
दुधोन ग्लेशियर
दुधोन ग्लेशियर से पार्वती नदी को पानी मिलता है। यह ग्लेशियर कुल्लू जिले में स्थित है। इस ग्लेशियर की लंबाई 15 किमी. है।
मुल्कीया ग्लेशियर
यह ग्लेशियर लाहौल स्पीति में स्थित है। इस ग्लेशियर से भागा नदी को जल मिलता है। इस ग्लेशियर की लंबाई 12 किमी. है।
मियार ग्लेशियर
यह ग्लेशियर लाहौल स्पीति में स्थित है। इस ग्लेशियर से मियार नदी को जल मिलता है। इस ग्लेशियर की लंबाई 12 किमी. है।
व्यासकुण्ड ग्लेशियर- रोहतांग के पास इससे व्यास नदी को पानी मिलता है।
कुल्टी ग्लेशियर- कोकसर के समीप स्थित है।
भादल ग्लेशियर- बड़ा भगाल (काँगड़ा) के पास स्थित है, इससे भादल नदी को पानी मिलता है।
गेफांग ग्लेशियर- ‘लाहौल का मणिमहेश’ के नाम से यह ग्लेशियर प्रसिद्ध है।
द लेडी ऑफ केलांग ग्लेशियर – लाहौल स्पीति में स्थित है।