हिमाचल प्रदेश का भौगोलिक परिचय (Geographical introduction of Himachal Pradesh)
हिमाचल का शाब्दिक अर्थ क्या है ? Meaning of Himachal
हिमाचल शब्द संस्कृत के दो शब्दों हिम+ अचल की सन्धि से बना है। हिम का अर्थ है – बर्फ और अचल अर्थ है – पर्वत । अतः बर्फ के पर्वत को ही हिमाचल कहा जाता है। पश्चिमी हिमालय की गोद में स्थित व हिमाचल प्रदेश में प्रवेश के लिए विभिन्न रास्ते अपनाए जाते हैं, जिनमें या तो हम प्रवेश कर सकते हैं पंजाब के मैदानों से, या शिवालिक पहाड़ियों से, या शिमला की पहाड़ियों से, जो ढकी हुई हैं लहलहाते हरे-भरे चीड़ के वनों से। यह अद्भुत भूमि प्रत्येक आगन्तुक को अपनी ओर आकर्षित करती है।
हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति क्या है ? Geographical Introduction of Himachal
हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति है 330, 22″ से 330, 12″ उत्तरी अक्षांश तथा 750, 47″ से 790, 4″ पूर्वी देशान्तर । इसकी पूर्वी दिशा में स्थित है तिब्बत देश, उत्तर में जम्मू तथा काश्मीर, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड़, दक्षिण में हरियाणा एवं पश्चिम में पंजाब राज्य । हिमाचल प्रदेश की सारी भूमि पहाड़ियों एवं ऊंची-ऊंची चोटियों से भरी हुई है। इन चोटियों की समुद्र तल से ऊंचाई 350 मीटर से 7000 मीटर के बीच में पाई जाती है।
हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल क्या है ? What is the area of Himachal Pradesh?
हिमाचल प्रदेश की सारी भूमि पहाड़ियों एवं ऊंची-ऊंची चोटियों से सुसज्जित है। इन चोटियों की समुद्र तल से ऊंचाई 350 मीटर से 7000 मीटर के बीच में पाई जाती है। हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 55673 वर्ग किलोमीटर है। हिमाचल प्रदेश सीमा की लम्बाई 1170 किलोमीटर है। इसमें से 200 किलोमीटर के लगभग तिब्बत के साथ लगती अन्तर्राष्ट्रीय सीमा है। भारत के उत्तरी भाग में स्थित हिमाचल प्रदेश पश्चिमी हिमालय का अंग है। भूमि की अधिकत्तम लम्बाई चम्बा के उत्तर-पश्चिमी कोने से लेकर किन्नौर के दक्षिण-पूर्व छोर तक 355 किलोमीटर है और अधिकत्तम चौड़ाई कांगड़ा के दक्षिण-पश्चिमी कोने से किन्नौर के उत्तर-पूर्वी कोने तक 270 किलोमीटर है।
प्राकृतिक विवरण के अनुसार हिमाचल प्रदेश के भू-क्षेत्र को तीन भागों में बाँटा जा सकता है।
- निचली (शिवालिक क्षेत्र) पहाड़ियाँ
- भीतरी या मध्य हिमालय
- वृहत हिमालय या उच्च पर्वतीय क्षेत्र
निचली (शिवालिक क्षेत्र) पहाड़ियाँ Lower (Shivalik region) hills
इस क्षेत्र में शामिल हैं, जिला कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर तथा मण्डी जिले के निचले क्षेत्र, सोलन तथा सिरमौर । इस क्षेत्र को शिवालिक क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में औसतन वर्षा लगभग 1500 मि.मी. से 1800 मि.मी. के बीच है। यहां की समुद्रतल से ऊंचाई 350 मीटर या 1050 फुट से 1500 मीटर या 4500 फुट तक पायी जाती है। कृषि उत्पादन की दृष्टि से यहां मक्की, गेहूं, अदरक, गन्ना, धान, आलू तथा खट्टी किस्म के फल आदि उगाये जाते हैं। प्राचीन काल में इस क्षेत्र को ‘मानक पर्वत’ के नाम से भी जाना जाता था।
भीतरी या मध्य हिमालय Inner or Central Himalaya
इस क्षेत्र में प्रदेश के ऊपरी भाग तथा सिरमौर जिले की पछाड़ व रेणुका तहसील, मण्डी जिले की चचियोट तथा करसोग तहसील, कांगड़ा जिले के ऊपरी भाग तथा पालमपुर तहसील तथा चम्बा जिले की चुराह तहसील के ऊपरी भाग शामिल हैं। • इस क्षेत्र की समुद्रतल से न्यूनतम ऊंचाई 1500 मीटर या 4500 फुट से 4500 मीटर या 13,500 फुट है। यहां की गई जलवायु तथा मिट्टी, आलू बीज, समशीतोष्ण कटिबन्धीय फल तथा अन्य सामान्य फल प्रजातियों के लिए काफी उपयोगी है। मध्य हिमालय की दो प्रमुख चोटियां इसी क्षेत्र में पड़ती हैं : पीर पंजाल (चम्बा जिले में) तथा धौलाधार (कांगड़ा जिले में) ।
वृहत हिमालय या उच्च पर्वतीय क्षेत्र Greater Himalaya or High Mountain Region
इस क्षेत्र में जिला किन्नौर, चम्बा जिले की पांगी तहसील तथा लाहौल स्पिति जिले के कुछ भू-भाग सम्मिलित हैं। इस क्षेत्र की समुद्रतल से ऊँचाई 4,500 मीटर तथा इससे अधिक पाई जाती है। वर्षा यहां पर बहुत कम होती है। इस क्षेत्र का अधिकतर भाग बर्फ से ढका रहता है। यहाँ का वातावरण गर्मियों में समशीतोष्ण तथा शरद ऋतु में ध्रुवीय (अति ठंडक वाला) प्रकृति का होता है। यहां की मिट्टी समुद्रतल से ऊँचाई तथा वातावरण शुष्क फलों (मेवे) के उत्पादन के लिए अति उपयोगी है।
जसकर पर्वत श्रृंखला Jaskar Mountain Range
यह प्रदेश की अंतिम और पूर्वतम पर्वत श्रृंखला है। इसकी अधिकतम ऊंचाई 7000 मीटर से अधिक है। यह पूर्व से उत्तर की ओर उठती हुई काश्मीर तथा चीन की ओर चली जाती है। सतलुज इसे शिपकी के पास काटती है। हिमाचल की सबसे ऊंची पर्वत चोटी शिल्ला (7025 मी.) इसी पर्वत श्रृंखला में है।
अन्य देशों/राज्यों की सीमा को स्पर्श करने वाले जिले हैं
चीन (तिब्बत) | किन्नौर, लाहौल-स्पीति |
उत्तरप्रदेश | सिरमौर |
उत्तराखण्ड | किन्नौर, शिमला, सिरमौर |
हरियाणा | सोलन, सिरमौर |
पंजाब | सोलन, बिलासपुर, ऊना, काँगड़ा, चम्बा |
जम्मू कश्मीर | चम्बा, काँगड़ा |
लद्दाख | लाहौल-स्पीति |
अन्य जिलों की सीमाओं को स्पर्श करने वाले जिलों का ब्योरा
जिले का नाम | सीमाएं स्पर्श करने वाले जिलों के नाम |
---|---|
चम्बा | काँगड़ा, लाहौल स्पीति |
काँगड़ा | चम्बा, लाहौल-स्पीति, कुल्लू, मण्डी, हमीरपुर, ऊना |
हमीरपुर | काँगड़ा, मण्डी, बिलासपुर, ऊना |
ऊना | काँगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर |
बिलासपुर | ऊना, हमीरपुर, मण्डी, सोलन |
मण्डी | काँगड़ा, कुल्लू, शिमला, सोलन, बिलासपुर, हमीरपुर |
L&S | चम्बा, काँगड़ा, कुल्लू, किन्नौर |
किन्नौर | लाहौल-स्पीति, कुल्लू, शिमला |
कुल्लू | काँगड़ा, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, शिमला, मण्डी |
शिमला | किन्नौर, कुल्लू, मण्डी, सोलन, सिरमौर |
सोलन | सिरमौर, शिमला, मण्डी, बिलासपुर |
सिरमौर | शिमला, सोलन |